JitendraKumar
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› गोरा रंग करने वाले विज्ञापनो का प्रसारण बंद करें चैनल, नहीं तो कार्रवाई के लिए रहें तैयार
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी चैनलों को भ्रामक और झूठे विज्ञापनों का प्रसारण नहीं करने की हिदायत दी है। गोरा रंग बनाने की गारंटी, कमर-घुटनों का दर्द छूमंतर करने, सेक्स पावर बढ़ाने, नशा छुड़ाने और अभिमंत्रित ताबीज से मन की मुरादें पूरी करने वाले विज्ञापन कई चैनलों पर लगातार प्रसारित किए जा रहे थे
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सरकारी एजेंसियों ने अपनी जांच में इन्हें आम जनता को भ्रमित करने वाला और सच्चाई से कोसों दूर पाया है। उपभोक्ता शिकायत परिषद और विज्ञापन स्टैंर्डड परिषद ने अपने अध्ययन में पाया कि ये विज्ञापन सच्चाई से बहुत दूर हैं। इन्हें कानून का उल्लंघन माना गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी चैनलों को झूठे प्रचार करने वाले विज्ञापनों की एक सूची थमाई है और हिदायत दी है कि इनका प्रसारण न करें, नहीं तो सरकार केबल टीवी अधिनियम-1994 और औषधि एवं जादू कुप्रभाव (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
इन विज्ञापनों को प्रभावी तरीके से बनाया जाता है ताकि लोग उनके झांसे में आएं और उनके सामान खरीद लें, लेकिन खरीदने के बाद पता चलता है कि कंपनी के दावे झूठे हैं। इस तरह के झांसे में आए कई लोगों ने भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) से शिकायत की थी। परिषद ने इन शिकायतों को उपभोक्ता शिकायत परिषद के पास भेजा। यहां जांच के दौरान विज्ञापनों के दावों को झूठा पाया गया। परिषद ने ऐसे विज्ञापनों को तुरंत रोकने की सिफारिश की।
इन विज्ञापनों में बड़ी-बड़ी कंपनियों के नाम शामिल हैं। परिषद के अनुसार, एक कंपनी ने यौन क्षमता बढ़ाने की दवा के लिए बड़े-बड़े वायदे किए, लेकिन जब उसके गुणों की जांच की गई तो वे गलत निकले। परिषद ने पाया कि न तो वह ताकत बढ़ा रही है और न यौन क्षमता। इस उत्पाद को 1954 के औषधि एवं जादू कुप्रभाव अधिनियम का उल्लंघन भी माना गया।
ऐसे ही एक नामी कंपनी के विषाणुओं के कारण होने वाली 100 बीमारियों से लड़ने के दावे को भी झूठा बताया गया। लंबाई बढ़ाने की दवा, नशामुक्ति के लिए पाउडर, शुगर की बीमारी का इलाज करने वाली मधुनाक्शणी व लाइलाज रोगों से मुक्ति के लिए वैदिक अमृत के दावों को भी गलत पाया गया। युवा लड़के एवं लड़कियों में गोरा होने व स्किन ग्लो करने की क्रीमों के विज्ञापनों को भी पूरी तरह से गलत पाया गया।
फेयरलुक क्रीम, फेयरप्रो, चोले वाले हनुमानजी, राशि रत्न टोपाज व महाधन लक्ष्मी आदि विज्ञापनों को भी नियमों के खिलाफ माना गया है। इन सभी कंपनियों को विज्ञापन रोकने और टीवी चैनलों को ऐसे विज्ञापनों को प्रसारित न करने का आग्रह किया गया है।
http://samachar4media.com/channel-not-airing-misleading-ads.html