Kalpesh Jadhav
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कौन है यह केजरीवाल? कोई कहता है
अमेरिका एजेंट है, कोई
कहता है काँग्रेस का एजेंट, कोई कहता है कि ये
RSS एजेंट है,।
कभी उपवास करता है,
कभी कहीं बिजली कनेक्शन जोड़ने पहुच
जाता है। मैं बताता हूँ कौन है केजरीवाल। यह
मेरी या तुम्हारी तरह
ही का आम इंसान है, बस अंतर यह है कि इस
व्यक्ति में'रीढ़
की हड्डी' मौजूद है। यह हमारी तरह सिस्टम
को दोष देकर घर में
नहीं बैठ गया, बल्कि सीधा खड़ा हो गया,
तनकर, यह सोच कर,
कि अगर सिस्टम खराब है तो बदल देना चाहिये
इसे। यह, वह
आदमी है, जिसने अपनी IRS की नौकरी इसलिए
छोड़ दी,
कि कुछ करना है। IRS की नौकरी मे चाहता,
तो इतना पैसा खींचता, कि अगली सत्तर
पीढ़ियां किसी अच्छे
सिस्टम वाले देश में बैठ कर खातीं। पर नहीं,
क्यों?
इसलिये
कि देश के लिये कुछ करना है। यह, वह आदमी है,
जिसके पास न
वोट खरीदने के लिए पैसा है, ना भीड़ जुटाने
केलिए, फिर भी दम
भरता है कि देश की राजनीति को बदल कर रख
देगा। है
किसी की दम जो इरादों को हिला दे?
मीडिया मेरी बात नहीं कहता,
कोई बात नहीं, और ज्यादा जोर से
चिल्लाऊँगा, लेकिन चुप
नहीं बैठूंगा, हार नहीं मानूँगा। यह, वह
आदमी है,
जो आज के समय
में भी, जबकि नैतिक मूल्यों और
ईमानदारी की बात करने वाले
को बेवकूफ समझा जाता है, उन्हीं मूल्यों में
विश्वास करता है,
और मूल्यों की दम पर ही क्रांति लाने की बात
करता है। यह, वह
व्यक्ति है दोस्तों, जो हिन्दुस्तान
की आखिरी उम्मीद है, अगर
हमने आज इसे बेइमानों के हाथों हारने दिया,
तो कभी कोई
क्रांति नहीं हो सकेगी इस देश में। मैनें तो सोच
लिय़ा है,
कि जहाँ तक मेरा बस चलेगा, इस
क्रांति की मशाल को बुझने
नहीं दूंगा । आपने क्या सोचा ह
अमेरिका एजेंट है, कोई
कहता है काँग्रेस का एजेंट, कोई कहता है कि ये
RSS एजेंट है,।
कभी उपवास करता है,
कभी कहीं बिजली कनेक्शन जोड़ने पहुच
जाता है। मैं बताता हूँ कौन है केजरीवाल। यह
मेरी या तुम्हारी तरह
ही का आम इंसान है, बस अंतर यह है कि इस
व्यक्ति में'रीढ़
की हड्डी' मौजूद है। यह हमारी तरह सिस्टम
को दोष देकर घर में
नहीं बैठ गया, बल्कि सीधा खड़ा हो गया,
तनकर, यह सोच कर,
कि अगर सिस्टम खराब है तो बदल देना चाहिये
इसे। यह, वह
आदमी है, जिसने अपनी IRS की नौकरी इसलिए
छोड़ दी,
कि कुछ करना है। IRS की नौकरी मे चाहता,
तो इतना पैसा खींचता, कि अगली सत्तर
पीढ़ियां किसी अच्छे
सिस्टम वाले देश में बैठ कर खातीं। पर नहीं,
क्यों?
इसलिये
कि देश के लिये कुछ करना है। यह, वह आदमी है,
जिसके पास न
वोट खरीदने के लिए पैसा है, ना भीड़ जुटाने
केलिए, फिर भी दम
भरता है कि देश की राजनीति को बदल कर रख
देगा। है
किसी की दम जो इरादों को हिला दे?
मीडिया मेरी बात नहीं कहता,
कोई बात नहीं, और ज्यादा जोर से
चिल्लाऊँगा, लेकिन चुप
नहीं बैठूंगा, हार नहीं मानूँगा। यह, वह
आदमी है,
जो आज के समय
में भी, जबकि नैतिक मूल्यों और
ईमानदारी की बात करने वाले
को बेवकूफ समझा जाता है, उन्हीं मूल्यों में
विश्वास करता है,
और मूल्यों की दम पर ही क्रांति लाने की बात
करता है। यह, वह
व्यक्ति है दोस्तों, जो हिन्दुस्तान
की आखिरी उम्मीद है, अगर
हमने आज इसे बेइमानों के हाथों हारने दिया,
तो कभी कोई
क्रांति नहीं हो सकेगी इस देश में। मैनें तो सोच
लिय़ा है,
कि जहाँ तक मेरा बस चलेगा, इस
क्रांति की मशाल को बुझने
नहीं दूंगा । आपने क्या सोचा ह