कितना अजीब है ना..??
एक CM कोई बिल पास न करवाने पर
इस्तीफ़ा दे देता है वहीँ दूसरा अपने राज्य में
2000 लोगों के मरने पर
भी इस्तीफ़ा नहीं देता।
एक CM महिलाओं की सुरक्षा के लिए सड़क पर
सोता है वहीं दूसरा ठण्ड में मरते लोंगों को छोड़
कर मेलों में नाच देखता है।
एक CM के सरकारी फ़्लैट पर बवाल हो जाता है
वहीँ दूसरे का दफ्तर भी 500 करोड़ का है।
एक CM के टोल न देने के आरोप लगते हैं
वहीँ दूसरा टोल बूथ जलाने वाले से हाथ
मिला लेता है।
एक CM के वैगन आर से चलने पर
भी लोगों को परेशानी है वहीँ दुसरे के लिए पूरे
रस्ते और हवाई मार्ग बंद कर दिए जाते है।
एक CM से हर एक पैसे का हिसाब माँगा जाता है
वही दुसरे की हर एक रैली में 50 करोड़ तक खर्च
हो जाते हैं।
है न अजीब...? पर सच है…!